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कानपुर, जागरण संवाददाता : सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में एलटी ग्रेड अध्यापकों की भर्ती में 9 अध्यापकों के अंकपत्र सत्यापन के दौरान जांच में फर्जी निकले। इसकी पुष्टि संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय से शनिवार को की गई। ये सभी अध्यापक कानपुर मंडल के जिलों में पढ़ा रहे थे।
इन 9 अध्यापकों में से 8 अध्यापक हरदोई जिले के हैं वहीं ज्यादातर ने ¨हदी विषय को चुना था।
संयुक्त शिक्षा निदेशक राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि इन सभी के अंकपत्र जांच के लिए संबंधित विश्वविद्यालय को दस्तावेज भेजे गए थे। वहां से अंकपत्र फर्जी होने की पुष्टि की गई। इस पर संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय ने इन सभी का अभ्यर्थन निरस्त करने की तैयारी कर ली है। बता दें कि वर्ष 2014 में एलटी ग्रेड की भर्ती प्रक्रिया शुरु की गई थी। इसके बाद वर्ष 2015 में मेरिट के आधार पर अभ्यथियों का चयन हुआ। फिर अनंतिम सूची प्रकाशित की गई। उस सूची में जिनका नाम था। उन्हें नियुक्ति पत्र देकर विद्यालयों में नियुक्ति दे दी गई चूंकि उनके अंकपत्रों व अन्य दस्तावेजों का सत्यापन बाद में होता है। इसलिए कानपुर मंडल में जिन्होंने आवेदन किया था जांच में 9 अध्यापकों के अंकपत्र फर्जी निकले।
3 पर हो चुकी कार्रवाई: कुछ दिनों पहले ही जेडी कार्यालय में जांच के दौरान तीन अध्यापकों के अंकपत्र फर्जी निकले थे। इस पर उनके खिलाफ एफआईआर कराकर उनका अभ्यर्थन निरस्त कराया जा चुका है।
अब इन पर होगी कार्रवाई:
ध्रुव सिंह पुत्र बहादुर सिंह निवासी बरेली। विषय- अंग्रेजी, अंकपत्र फर्जी निकले- बीए, बीएड।
आलोक शुक्ला पुत्र शिवप्रकाश शुक्ला, निवासी हरदोई, विषय- अंग्रेजी, अंकपत्र फर्जी निकले- बीए, बीएड।
उमाकांत पुत्र प्रभुदयाल निवासी हरदोई, विषय- अंग्रेजी, अंकपत्र फर्जी निकले- बीए, बीएड।
संदीप पाठक पुत्र प्रद्युम्न कुमार पाठक निवासी हरदोई, विषय- ¨हदी, अंकपत्र फर्जी निकले- बीए, बीएड।
अखिलेश कुमार पुत्र श्रीराम लाल निवासी हरदोई, विषय- ¨हदी, अंकपत्र फर्जी निकले- बीए, बीएड।
विनोद कुमार पुत्र होरीलाल निवासी हरदोई, विषय- ¨हदी, अंकपत्र फर्जी निकले- बीए,बीएड।
आशुतोष पुत्र अशोक कुमार निवासी हरदोई, विषय- ¨हदी, अंकपत्र फर्जी निकला- बीए।
सौरभ कुमार पुत्र विजय पाल निवासी हरदोई, विषय- ¨हदी, अंकपत्र फर्जी निकले- बीए,बीएड।
रोशन आरा पुत्री एफ मोहम्मद निवासी हरदोई, विषय- उर्दू, अंकपत्र फर्जी निकला- बीएड।
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ज्यादातर मार्कशीट लखनऊ यूनिवर्सिटी से बनीं:
जिन अध्यापकों के अंकपत्र फर्जी निकले हैं। उनमें ज्यादातर की मार्कशीटें लखनऊ विश्वविद्यालय की हैं। ऐसे में विभागीय अधिकारी सकते हैं। दबी जुबान में उनका कहना था कि इन्हें तैयार करने के लिए कोई बड़ा रैकेट काम कर रहा है।

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